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आधुनिक भारत का इतिहास- भारत का वायसराय 1858-1947 भाग-8/2

आधुनिक भारत का इतिहास- भारत का वायसराय 1858-1947 भाग-8/2

लार्ड रिपन 1880-1884

  • भारत के लोग इसे सज्जन रिपन कहकर पुकारते थे।
  • फ्लोरेंस नाइटिगेट रिटर्न को भारतीय उद्धारक की संज्ञा दी।
  • 1881 में रिपन नियमित अथवा व्यवस्थित जनगणना आरंभ कराया था।
  • तभी से प्रत्येक 10 वर्ष बाद जनगणना कराई जाती है।
  • 1881 में प्रथम कारखाना अधिनियम के द्वारा 7 वर्ष से कम आयु के बालकों को कारखाना में रखने पर प्रतिबंध लगाया गया।
  • 1882 में रिटर्न वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट को समाप्त कर दिया।
  • 1882 में प्राथमिक शिक्षा में सुधार के लिए हंटर आयोग गठित किया गया।
  • 1882 में भारत में सर्वप्रथम स्थानीय स्वशासन को आरंभ किया था।
  • इसीलिए लार्ड रिपन को भारतीय स्वशासन का जनक कहा गया।
   इल्बर्ट बिल विधेयक 1883  
  • इसी विधेयक के द्वारा अंग्रेजों के मामलों की सुनवाई का अधिकार भारतीय न्यायाधीशों को भी दे दिया गया।
  • किंतु अंग्रेज विधेयक का विरोध करने लगे।
  • इसलिए इसे सफेद विद्रोह के नाम से भी जाना जाता है अंत में रिपन विधेयक को वापस ले लिया गया।
   लार्ड डफरीन 1884-1888   
  • 1884 में ए.ओ.ह्यून भारतीय राष्ट्रीय संघ की स्थापना ( ऐलन एक्टोविलियन)
  • भारतीय राष्ट्रीय संघ का पहला अधिवेशन 1884 पुणे में होना था किंतु पुणे में प्लेग महामारी के कारण अधिवेशन मुंबई में हुआ।
  • यहीं पर भारत के पितामह दादा भाई नौरोजी के सुझाव पर भारतीय राष्ट्रीय संघ का नाम बदलकर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेश कर दिया गया।

   कांग्रेस की स्थापना   

1850 मुंबई की गोकुलदास तेजपाल संस्कृत विद्यालय के भवन में ए ओ ह्यूम भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना किए।

   कांग्रेस का प्रथम अधिवेशन   

  • 1885 में बम्बई में कांग्रेस का पहला अधिवेशन हुआ।
  • ऐसे अधिवेशन के अध्यक्ष उमेश चंद्र बनर्जी थे प्रथम अधिवेशन में 72 प्रतिनिधि भाग लिए थे।
  • कांग्रेस के स्थापना अधिवेशन में सुरेंद्रनाथ बनर्जी भाग नहीं लिए थे।
  • आईसीएस की परीक्षा पास करने वाले द्वितीय भारतीय सुरेंद्रनाथ बनर्जी थे।
  • 1874 में मामूली भूल के कारण एवं को पद से बर्खास्त कर दिया गया।
  • भारतीय राष्ट्रीय संघ को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अग्रदूत माना गया।

   कांग्रेस का दूसरा अधिवेशन   

  • 1886 में कोलकाता में कांग्रेस का दूसरा अधिवेशन हुआ।
  • भारत के पितामह दादा भाई नौरोजी इस अधिवेशन के अध्यक्ष थे।
  • कांग्रेश के सबसे अधिक बार अर्थात तीन बार नवरोजी अध्यक्ष रहे।
  1. 1886 - कोलकाता
  2. 1893 - लाहौर
  3. 1906 - कोलकाता
  • भारत के वयोवृद्ध नेता अर्थात ग्रैंड ओल्ड मैन आफ इंडिया के नाम से नवरोजी को जाना जाता था।
  • भारतीय आय का सर्वप्रथम आकलन नवरोजी किए थे।
  • ब्रिटिश संसद में चुने जाने वाले प्रथम भारतीय दादा भाई नौरोजी थे।
  • इनकी प्रसिद्ध पुस्तक-
  1. धर्म के निष्कासन या बहिर्गमन का सिद्धांत 
  2. पावर्टी अन ब्रिटिश रूल इन इंडिया
कांग्रेस का तीसरा अधिवेशन
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