आधुनिक भारत का इतिहास- कांग्रेस का तीसरा अधिवेशन भाग 8/3
कांग्रेस का तीसरा अधिवेशन 1887
- 1887 में मद्रास में - इस अधिवेशन के अध्यक्ष बदरुद्दीन तैयब जी थे।
- कांग्रेस का प्रथम मुस्लिम अध्यक्ष बदरुद्दीन तैयब जी।
- कांग्रेसका चतुर्थ अधिवेशन 1888 इलाहाबाद में।
- इस अधिवेशन के अध्यक्ष जा रहे थे कांग्रेस के प्रथम अंग्रेज अध्यक्ष इन्ही थे।
लॉर्ड लैंसडाउन 1888-94
- 1891 में दूसरा कारखाना अधिनियम नव वर्ष से कम आयु के बालकों को कारखाना में रखने पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
- 1893 महाराष्ट्र में बाल गंगाधर तिलक गणपति त्यौहार मनाने की घोषणा किए थे।
लॉर्ड एलगिन द्वितीय 1894-1898
- एल्गिन की घोषणा मैं भारत को जीता हूं तलवार के बल पर ही इसे अपने अधीन रखूंगा।
- 1895 महाराष्ट्र में बाल गंगाधर तिलक शिवाजी उत्सव मनाने की घोषणा किए थे।
कांग्रेसका कोलकाता अधिवेशन 1896
- इस अधिवेशन के अध्यक्ष रहीमतुल्ला मोहम्मद सयानी थे( कांग्रेसका द्वितीय मुसलमान अध्यक्ष)
- इसी अधिवेशन में सर्वप्रथम वंदे मातरम को रविंद्र नाथ टैगोर द्वारा गाया गया।
- बंकिम चंद्र चटर्जी की प्रसिद्ध रचना - आनंद मठ से वंदे मातरम् को लिया गया।
- आनंदमठ को बंगाल की बाइबिल के नाम से जाना जाता है।
- आनंदमठ सन्यासी विद्रोह पर आधारित है।
लॉर्ड कर्जन 1898-1905 पुरातत्व विभाग
- गोपाल कृष्ण गोखले लार्ड कर्जन के प्रशासन की तुलना औरंगजेब की प्रशासन से किए थे।
- लॉर्ड कैनिंग के समय में 1861 में एलेग्जेंडर कनिंघम को पुरातत्व सर्वेक्षण नियुक्त किया गया।
- लॉर्ड मेयो के समय में 1871 में पुरातत्व सर्वेक्षण को सरकार के एक विभाग के रूप में गठित किया गया।
- उन्नीस सौ 1 मी लॉर्ड कर्जन के समय में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को केंद्रीय कृत करके जान मार्शल को इसका पहला महानिदेशक बनाया गया।
- 1902 में सर टामश रैले के अध्यक्षता में कर्जन विश्वविद्यालय आयोग का गठन कर आया था।
- 1903 में सीआईडी CID की स्थापना हुई।
दिल्ली दरबार का आयोजन 1903
- ब्रिटेन के सम्राट एडवर्ड सप्तम के स्वागत में लार्ड कर्जन 1903 में दिल्ली दरबार का आयोजन कराया।
- 1904 भारतीय स्मारक इमारत संरक्षण अधिनियम को लाया गया।
- 1905 में लार्ड कर्जन के समय में रेलवे बोर्ड का गठन किया गया।
बंगाल का विभाजन 1905
- राजनीतिक चेतना का केंद्र होने के कारण लॉर्ड कर्जन 20 जुलाई 1950 को बंगाल को दो भागों में बांटने की घोषणा कर दी।
- इसी के विरोध में 7 अगस्त 1905 को भारतीयों द्वारा कोलकाता में स्वदेशी और बहिष्कार बंग भंग आंदोलन की घोषणा की गई।
- किंतु 16 अक्टूबर 1950 को कर्जन बंगाल को दो भागों में विभाजित कर दिया।
- पूर्वी बंगाल
- पश्चिमी बंगाल
- 16 अक्टूबर को बंगाल में शोक दिवस मनाया गया।
- 16 अक्टूबर को ही रविंद्र नाथ की सलाह पर राखी दिवस मनाया गया।
कांग्रेस का बनारस अधिवेशन 1950
- इसे अधिवेशन के अध्यक्ष गोपाल कृष्ण गोखले स्वदेशी और बहिष्कार आंदोलन का समर्थन कर दिए।
- इसके बाद गरम दल के नेता इस आंदोलन को अपने हाथों में लेकर पूरे देश में जन-जन तक पहुंचाएं।
- अंत में अंग्रेज बाध्य होकर 12 दिसंबर 1911 को बंगाल विभाजन रद्द कर दिया।
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