आधुनिक भारत का इतिहास - जलियांवाला बाग हत्याकांड 13 अप्रैल 1919 (भाग 12)
जलियांवाला बाग हत्याकांड 13 अप्रैल 1919
- पंजाब अमृतसर के जलियांवाला बाग में रौलेक्ट एक्ट के विरोध में डॉक्टर सत्यपाल और सैफुद्दीन के रिहाई के लिए भारतीय नेताओं द्वारा एक सभा चल रही थी।
- इसी दौरान सैन्य अधिकारी ब्रिगेडियर जनरल डायर अपनी फौज के साथ जलिया वाले बाग पहुंचा।
- और 10 मिनट तक बाग में अंधाधुंध गोलीबारी कर दिया जिसमें सरकारी आंकड़ों के अनुसार 379 लोग मारे गए।
- 1200 लोग घायल हुए जलियांवाला हत्याकांड के विरोध में रविंद्र नाथ टैगोर अपनी सर नाइटहुड की उपाधि वापस कर दिए।
- सर संकरन नायर वायसराय की कार्यकारिणी परिषद के सदस्यों से इस्तीफा दे दिया।
- अंग्रेज जलियांवाला बाग हत्याकांड की जांच के लिए हंटर कमेटी गठित किए।
- किंतु यह कमेटी सारे मामले की लीपापोती कर के जनरल डायर को निर्दोष सिद्ध कर दिया।
- किंतु भारतीय क्रांतिकारी उधम सिंह 13 मार्च 1940 को इंग्लैंड में माइकल ओ जनरल डायर को गोली मारकर हत्या कर दिया।
- उधम सिंह को बंदी बनाकर इंग्लैंड में ही फांसी दे दी गई।
खिलाफत आंदोलन 1919
- खिलाफत आंदोलन को प्रारंभ करने का श्रेय अली बंधुओं अर्थात शौकत अली तथा मोहम्मद अली को दिया गया।
- संसार भर के मुसलमान तुर्की के सुल्तान को खलीफा अर्थात धर्म गुरु मानते थे।
- प्रथम विश्व युद्ध में तुर्की ब्रिटेन के विरुद्ध में लड़ रहा था।
- युद्ध के बाद ब्रिटेन तुर्की साम्राज्य को विघटित कर दिया।
- इसीलिए भारत के मुसलमान नाराज होकर सितंबर 1919 को अखिल भारतीय खिलाफत कमेटी का गठन किए।
- 17 अक्टूबर 1919 को अखिल भारतीय स्तर पर खिलाफत दिवस मनाया गया।
अखिल भारतीय खिलाफत कमेटी का अधिवेशन 24 नवंबर 1919
- यह अधिवेशन दिल्ली में हुआ।
- अधिवेशन के अध्यक्ष महात्मा गांधी थे।
- यहीं पर हिंदू मुस्लिम जय होगा नारा लगा।
- तथा महात्मा गांधी असहयोग आंदोलन आरंभ करने का संकल्प लिए।
असहयोग आंदोलन 1920
- असहयोग आंदोलन आरंभ करने के ठीक पहले गांधी कैसर ए हिंद की उपाधि वापस कर दिए।
- गांधी का करीबी मित्र जमुनालाल बजाज अपने रायबहादुर की उपाधि वापस कर दिया।
- बाल गंगाधर तिलक असहयोग आंदोलन का समर्थन तो किए थे किंतु परिणाम नहीं देख सके क्योंकि 1 अगस्त 1920 को तिलक की मृत्यु हो गई।
- गांधी जी के साथ तिलक की अर्थी को शौकत अली तथा सैफुद्दीन किचलू कंधा लगाए थे।
- मौलाना हसरत मोहनी शोक गीत गाए थे।
- तिलक ही एकमात्र ऐसे कांग्रेसी नेता थे जिनको अध्यक्ष पद के लिए कभी नहीं चुना गया।
- असहयोग आंदोलन में हिंदू मुस्लिम एकता अपने चरम पर थी।
कांग्रेस का नागपुर अधिवेशन
- इस आंदोलन के अध्यक्ष श्री विजय राघव चेरीयार थे।
- इसी अधिवेशन में असहयोग आंदोलन का प्रस्ताव पारित हुआ।
- महात्मा गांधी 1 वर्ष के भीतर स्वराज प्राप्ति का लक्ष्य रखे।
- 1 अगस्त 1920 में महात्मा गांधी के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन आरंभ हुआ।
- एकमात्र यहूदी यानी पारसी वायसराय लॉर्ड रीडिंग था।
लॉर्ड रीडिंग 1921 से 1926
- 1921 में ब्रिटेन के राजकुमार प्रिंस ऑफ वेल्स का भारत आगमन हुआ था।
- असहयोग आंदोलन अपने चरमोत्कर्ष पर था इसी दौरान गोरखपुर में एक घटना घट गई।
चौरी - चौरा कांड - 5 फरवरी 1922
- एक शांति पूर्वक चल रहे जुलूस को जब अंग्रेज पुलिस रोकने का प्रयास की तो उग्र भीड़ पुलिस थाने में आग लगा दी।
- जिससे 21 पुलिस एवं एक थानेदार की मृत्यु हो गई।
- गांधी इस घटना से दुखी होकर 12 फरवरी 1922 को असहयोग आंदोलन वापस ले लिए।
- किंतु 10 मार्च 1922 को गांधी को बंदी बनाकर 6 वर्षों के लिए जेल भेज दिया गया।
- किंतु स्वास्थ्य खराब होने के कारण 5 फरवरी 1924 को गांधी को जेल से रिहा कर दिया गया।
स्वराज पार्टी 1923
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