पारिस्थितिकी [ECOLOGY]
पारिस्थितिकी शब्द सर्वप्रथम अर्नेस्ट हैकल ने दिया।पारिस्थितिकी शब्द सर्वप्रथम 1866ई. में दिया।
यह दो शब्दों से मिलकर बना है Aikas+Logos
इकोलॉजी ग्रीक भाषा का शब्द है।
परिभाषा - पारिस्थितिकी की अंग्रेजी इकोलॉजी है जो ग्रीक भाषा के Okias और Logos से मिलकर बना है जिसका अर्थ है रहने का स्थान और अध्ययन करना होता है।
- वास्तविक अर्थों में पर्यावास और निकेतन की आपसी अंतः क्रिया का अध्ययन पारिस्थितिकी कहलाता है।
- पर्यावरण में जियो का आवास और उसमें उसके कार्य करने की क्षमता का अध्ययन ही वास्तविक पारिस्थितिकी कहलाता है।
पर्यावास :
- पर्यावास में जियो का आवास ही उसका पर्यावास कहलाता है पर्यावास एक व्यापक शब्द है जो विभिन्न विभिन्न जीवों के आवासों के समूह द्वारा पर्यावास का निर्माण होता है भिन्न-भन्न जीवों का पर्यायवाची एक भी हो सकता है।
- जैसे शेर और हाथी दोनों जंगल में निवास करते हैं।
- भिन्न-भिन्न जीवों का पर्यायवाची अलग अलग भी हो सकता है
- जैसे शेर जंगल में
- ह्वेल समुद्र में
- मनुष्य शहर में या गांव में इत्यादि
पूर्वा अधिवास -
- जिओ का समुदाय से अलग आवास या एकांत आवास होता है जो पर्यावास का ही एक भाग होता है।
- पर्यावरण के तीन अनिवार्य घटक - जल, भोजन, आवास
- भिन्न-भिन्न नदियों का पर्यायवाची एक हो सकता है परंतु उनके कार्य करने की क्षमता सदैव अलग-अलग होती है।
- अतः किसी जीव के कार्य करने की क्षमता उसका निकेतन कहलाती है।
- जैविक घटक
- अजैविक घटक
- जैविक घटक - इसके अंतर्गत उत्पादक ,उपभोक्ता, अपघटक हैं
- उत्पादक - ऐसे जीव जो अपने भोजन का निर्माण अजैविक घटकों के माध्यम से करते हैं।
- उत्पादक वर्ग से तात्पर्य वनस्पति जगत से है इसके अंतर्गत हरे पेड़ पौधे आते हैं।
- यह अपने प्रकृत उर्जा की पूर्ति सूर्य द्वारा और वायुमंडल से कार्बन डाइऑक्साइड CO2 ग्रहण करते हैं।
- और मृदा से जल तथा खनिज अवशोषण करते हैं।
- अपने भोजन का निर्माण स्वयं करते हैं इसलिए इन्हें स्वपोषी जीव ही कहा जाता है
- हरे पेड़ पौधे अपने प्रोटीन की पूर्ति नाइट्रोजन के रूप में मृदा द्वारा करते हैं
- किसी स्थान विशेष पर उत्पादक की संख्या बढ़ने से उस स्थान पर परितंत्र मजबूत होता चला जाता है।
- इसे स्थिर परितंत्र भी कहते हैं।
- पृथ्वी पर सबसे स्थिर परितंत्र समुद्र है।
- उष्णकटिबंधीय वर्षा वन के अंतर्गत अमेजन वर्षा वन है।
- उपभोक्ता - इसके अंतर्गत हुए जीव आते हैं जो अपनी पोषण के लिए दूसरों पर निर्भर होते हैं इन्हें प्रभु से जीव कहते हैं।
- प्राथमिक उपभोक्ता - शाकाहारी जीव वह जीव जो अपना भोजन पेड़ पौधे से लेते हैं प्राथमिक उपभोक्ता के अंतर्गत आते हैं यह शाकाहारी जीव होते हैं।
- द्वितीयक उपभोक्ता - मांसाहारी जीव प्राथमिक उपभोक्ता को शिकार बनाते हैं यह मांसाहारी जीव कहलाते हैं यह द्वितीय वक्ता के अंतर्गत आते हैं।
- तृतीयक उपभोक्ता - सर्वाहारी जीव यह सभी को अपना भोजन बनाते हैं चाहे शाकाहारी हो या मांसाहारी दोनों को इसके अंतर्गत मनुष्य आते हैं और भी कुछ जानवर है।
- अपघटक - वह जीव जो मृत पौधों और मृत जंतुओं के शरीर को अब घटित कर देते हैं यानी छोटे-छोटे टुकड़ों में बांट देते हैं अत्यंत सूछ्म टुकड़ों में ऐसे जियो अब घटक जीव कहलाते हैं जैसे कवक शैवाल जीवाणु इत्यादि।
- इन्हें प्रकृति में पोषण का चक्र दाता भी कहा जाता है और इनकी संपूर्ण प्रक्रिया पारिस्थितिकी तंत्र में जैव भू रासायनिक चक्र कहलाती है।
- अजैविक घटक - इसके अंतर्गत भौतिक कारक ,अकार्बनिक कारक ,कार्बनिक कारक हैं।
- भौतिक कारक - ओए पर्यावरणीय कारक जिन की मात्रा अधिक या कम होने पर जीव नकारात्मक रूप से प्रभावित होता है और इनकी मात्रा आदर्श बने रहने पर जीव वृद्धि विकास करता हुआ पाया जाता है।
- जैसे सूर्य की किरणें ,तापमान, वायु ,वर्षा जल, आद्रता।
- अकार्बनिक कारक - वह कारक जिनके अंदर कार्बन की मात्रा नहीं पाई जाती है यह सामान्यतः जीव द्वारा उसके वास्तविक रूप में प्रयोग किए जाते हैं।
- जैसे वायु की सभी प्राकृतिक गए थे कार्बन डाइऑक्साइड मृदा खनिज पदार्थ इत्यादि।
- कार्बनिक कारक - वह कारक चिन्ह में कार्बन की मात्रा पाई जाती है जियो का शरीर इसे अंश या अवयव में ग्रहण करता है।
- जैसे प्रोटीन विटामिन वसा कार्बोहाइड्रेट ह्यूमस यूरिया इत्यादि।
- खाद्य श्रृंखला - परितंत्र में उर्जा जब भी आगे की ओर बढ़ती है वह एक निश्चित कर्म का अनुसरण करके ही आगे की ओर बढ़ती जाती है इसी निश्चित श्रृंखला को खाद्य श्रृंखला कहते हैं।
- जैसे उत्पादक > प्राथमिक उपभोक्ता > द्वितीयक उपभोक्ता
- घास > हिरण > शेर
- घास > कीट > मेंढक
- खाद्य जाल- खाद्य जाल में ऊर्जा का प्रवाह सदैव एकदिशीय होता है परंतु या कई मार्गो से होकर गुजरता है।
परितंत्र के घटक
इसके दो घटक हैं
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पारिस्थितिकी तंत्र [ECOSYSTEM]
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